Saturday, July 13, 2013

श्रद्धांजली

श्रद्धांजली प्राण साहब !


आज फिर चाँद रात भर रोता रहा,
फिर एक तारा टूट कर फ़ना हो गया,
रात कुछ और अंधेरी हो गयी,
वोह मुस्कुराते हुए उस जहाँ का हो गया।